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Sidhbali Temple Kotdwar [Garhwal]

Monday, 14 March 2011

FESTIVAL OF HOLI

नमस्कार ,होली का पर्व समीप है /होली रंगों का त्यौहार है, उमंगों का त्यौहार है और पुरानी बातों को भुला कर मुलाकातों का त्यौहार है / परन्तु कुछ लोगों ने इस त्यौहार को एक वीभत्स रूप दे दिया है /प्राकृतिक रंगों के स्थान पर हानिकारक रंगों , कीचड यहाँ तक कि एसिड  का   भी  प्रयोग  करने लगे है / हमें ऐसी प्रवृति से बचना चाहिये और हल्दी , गुलाब आदि प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करना चाहिये / हंसी ख़ुशी गीत संगीत और दावतों केसाथ होली मनाएं और खुश  रहें / सभी को होली मुबारक हो / एक बात और कि किसी को जबरदस्ती रंग खेलने के लिये मजबूर न करें / इससे
होली के आनंद में बाधा पड़ सकती है ,रंग में भंग पड़ सकता है / विदा ...........