आज बड़ी मुश्किल से ढूँढा क़ि अपने ब्लॉग में कैसे लिखते हैं | बचपन में मैंने कई दोहे और कवितायेँ पढ़ीं थीं जिन्होंने मुझे बहुत प्रभावित किया | १- बिना बिचारे जो करे , सो पाछे पछताय | काम बिगारे आपनो , जग में होत
हँसाय ||------इसीलिये मैं जब भी कोई काम करता हूँ तो काफी सोच समझ कर उसे शुरू करता हूँ | इस से कुछ देर तो अवश्य होती है लेकिन गलती की संभावना कम होती है|
बाकी फिर किसी दूसरे दिन | बाय |