......कहते हैं कि अपनी इज्ज़त अपने हाथ / यदि आप इज्ज़त के साथ जीना चाहते हैं और दूसरे से इज्ज़त पाना चाहते हैं तो सबसे पहले दूसरे की इज्ज़त करना सीखो / बड़ा हो या छोटा सबकी अपनी इज्ज़त होती है / इसलिये कभी भी दूसरे कि बेईज्ज़ती नहीं करनी चाहिये /यदि आप दूसरे से आदर से बात करते हैं तो वह भी निश्चित ही आप से आदर से बात करेगा /यही दुनियां में प्यार से रहने का सार है / एक बार यह नुस्खा अपना कर देखिये तो सही /आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा /आप भी खुश और दूसरे भी ...................के० पी० एस०