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Sidhbali Temple Kotdwar [Garhwal]

Monday, 2 August 2010

learning to write in my blog

आज बड़ी मुश्किल से ढूँढा क़ि अपने ब्लॉग में कैसे लिखते हैं |  बचपन में मैंने कई दोहे और कवितायेँ पढ़ीं थीं जिन्होंने मुझे बहुत प्रभावित किया | १- बिना बिचारे जो करे , सो पाछे पछताय | काम बिगारे  आपनो , जग में होत
हँसाय ||------इसीलिये मैं जब भी कोई काम करता हूँ तो काफी सोच  समझ कर उसे शुरू करता हूँ | इस से कुछ देर तो अवश्य होती है लेकिन गलती की संभावना कम होती है|
                                   बाकी फिर किसी दूसरे दिन | बाय |

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