अन्ना जी , जय भारत / आपका जीवन राष्ट्र के लिये अमूल्य है / अब तो मान जाइए / अब अपना अनशन तोड़ दीजिये / यकीन मानिये अब चर्चा के बाद संविधान के अनुसार जो भी लोकपाल कानून बनेगा वह अवश्य प्रभावकारी होगा /यदि विचार भिन्नता के कारण जो भी कमी रह जायेगी उसे भविष्य में सुधार लिया जाएगा / हमारे राष्ट्र में जो भी प्रथाएं , परम्पराएँ आदि दीर्घ काल से बनी हैं वे भी पहले अपने लघु रूप में ही शुरू हुई थीं / धीरे धीरे उनमें सुधार होता चला गया और एक समय ऐसा आया जबकि वे भारतीय सामाजिक नियंत्रण के अत्यंत प्रभावशाली साधनों में शामिल हो गयीं / ........एक बात और ....अपने मंच से अपशब्द और ओमपुरी जैसे तत्वों को दूर रखें तो सबका हित होगा / शुभकामनाओं के साथ /............
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